राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (National Book Trust-- NBT) से ललित निबंध संग्रह ‘कुल्हड़ की चाय’ प्रकाशित
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत से मेरे पहले ललित
निबंध संग्रह ‘कुल्हड़ की चाय’ की लेखकीय प्रतियाँ मिलीं। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास से प्रकाशित
होना मेरे लिए प्रसन्नता एवं उपलब्धि का विषय है। ललित निबंध लेखन में मैं बहुत
देर से आया, किंतु मंथर गति से चलने के बावजूद पहला निबंध संग्रह एक
प्रतिष्ठित संस्थान से आना सुखद है। ललित निबंध के वरिष्ठ एवं प्रतिमान हस्ताक्षर
श्री श्याम सुंदर दुबे जी से इस प्रसंग पर बात हो रही थी तो उन्होंने कहा कि ललित
निबंध ऐसी विधा है जो परिपक्व आयु में ही ठीक से लिखी जा सकती है। बड़े लोग कितनी
सारगर्भित बातें बोलते हैं! वैसे भी इस विधा में हजारी प्रसाद द्विवेदी, विवेकी राय और श्याम सुंदर
दुबे का कोई शानी नहीं है। विलुप्त होती
इस साहित्यिक विधा में बहुत रस है।
ललित निबंध विधा में ‘कुल्हड़ की चाय’ मेरी पहली प्रकाशित पुस्तक
है; व्यंग्य
संग्रह, यात्रा संस्मरण एवं संपादित-अनूदित पुस्तकों को मिला दिया जाए
तो यह नौवीं पुस्तक है। आज राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के हिंदी संपादक श्री दीपक
कुमार गुप्त जी से लेखकीय प्रतियाँ प्राप्त करते हुए बहुत सुखद अनुभूति हुई। लगभग 130 पृष्ठों की इस पुस्तक का
मूल्य 180/ है।
संभव हो तो पढ़ें, अच्छी जरूर लगेगी।
Comments
Post a Comment
सुस्वागतम!!