जवाबी कार्रवाई अतिशीघ्र

॥श्री गुरु चरण कमलेभ्यो नमः॥

सिकुलरिज्म को तो भारत में सिक मेंटलिटी माना ही जा चुका है और जो हर हाल में देश के दुश्मनों के ही साथ हैं, उनकी बात भी छोड़ दीजिए। इनके अलावा बात करें तो जैसा रोष पहलगाम हमले के बाद देखा जा रहा है, वह अभूतपूर्व है। मैंने अपने होश में कभी लोगों में ऐसा गुस्सा नहीं देखा। दिल्ली और उत्तर प्रदेश में आज कई जगहों पर लोगों ने प्रतीकात्मक रूप से स्वतःस्फूर्त दुकानें बंद रखीं। कैंडल मार्च निकाले गए और पाकिस्तान एवं आतंकवाद विरोधी नारेबाजी की गई। यह सारा क्रम मैंने उत्तर प्रदेश में तो कल भी देखा था। वही आज फिर। आमजन बहुत चीख-चीख कर बदले की कार्रवाई की माँग कर रहा है। और यह माँग बहुत जल्दी ही पूरी होने जा रही है।

यह भी कह दूँ कि इस बार की कार्रवाई पिछली दोनों ही कार्रवाइयों से बिलकुल भिन्न होगी। दुनिया कल्पना नहीं कर सकती कि ऐसे भी की जा सकती है जवाबी कार्रवाई।

मैं हमले के समय और एक मित्र के पूछने पर प्रश्न कुंडली दोनों के जरिये यह विश्लेषण कर चुका हूँ। जवाब का समय अत्यंत निकट है। यह कह देना भी जरूरी समझता हूँ कि यह कार्रवाई थोड़ी लंबी खिंचेगी। यह तब तक जाएगी जब तक उत्तर भाद्रपद में वक्री नहीं हो जाएंगे शनि।

 28 अप्रैल को प्रातः 7 बजकर 52 मिनट पर शनि उत्तर भाद्रपद नक्षत्र के पहले चरण में प्रविष्ट हो जाएंगे। यहीं से पाकिस्तान की उलटी गिनती शुरू हो जानी है। 7 जून को शाम 4 बजकर 45 मिनट पर वे दूसरे चरण में जाएंगे और 18 अगस्त को फिर से पहले पद में आ जाएंगे। इसके पूर्व 13 जुलाई को दिन में 9 बजकर 36 मिनट पर वे वक्री हो चुके होंगे और इस बीच पाकिस्तान की ठठरी बंध चुकी होगी। उत्तर भाद्रपद वास्तव में पैकिंग का ही नक्षत्र है।

 देश में ऐसे नपुंसक दुष्टों की कमी नहीं है जो आम जनता को बहुत डराने-धमकाने की सजिशें रचेंगे। तरह तरह से। लेकिन इनकीं चालें सफल नहीं होंगी। पाकिस्तान भारत में मौजूद अपने जिस पाँचवें स्तंभ पर बहुत भरोसा किए बैठा है, अगर वह जरा भी कुनमुनाया तो दुनिया के किसी और देश में शरण भी उसे मिलने वाला नहीं है इस बार। यह दुनिया जानती है कायरता का ऐसा उदाहरण कहीं और नहीं है। अलबत्ता पाकिस्तान के टुकड़े होना तय है। यहाँ से भारत का एक नया रूप दिखना शुरू होगा दुनिया को। इसके संकेत मैं अपने एक लेख में 2024 के लोकसभा चुनाव से पूर्व भी दे चुका हूँ।

 मुझे सैन्य कार्रवाइयों की गंभीरता और इसमें गोपनीयता के महत्त्व का पता बहुत अच्छी तरह है। इसलिए दिन और समय पर इससे ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा कि अति निकट है। हाँ, यह जरूर कहूँगा कि पाकिस्तान ने अपने जिस पाँचवें स्तंभ को भारत में पोसने पर अपना पूरा जीवन नष्ट कर दिया, पाकिस्तान के भीतर हमारा वही स्तंभ हमारे बड़े काम आएगा। फुद्धिजीविता के नाम पर बहुत कूदने वालों का भी आने वाले दिनों में कुछ ठोस इंतज़ाम होगा। क्योंकि शनि अभी बृहस्पति की राशि में हैं और बृहस्पति स्वयं शीघ्र ही अतिचारी होने जा रहे हैं। बृहस्पति का अतिचार विश्व व्यवस्था में ही बड़े और ठोस परिवर्तन की सूचना देता है। भारतवासियों पर इसका थोड़ा आर्थिक भार अवश्य पड़ेगा, लेकिन और कोई क्षति नहीं होगी। भारत सुरक्षित हाथों में है।

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