भारत पर ग्रहण का प्रभाव नहीं, अत्यंत शुभ है नवरात्र
इष्ट देव सांकृत्यायन ॥श्री गुरुचरणकमलेभ्यो नम:॥ ‘ सूर्य ग्रहण की अशुभ छाया में कल शुरू होगी शारदीय नवरात्र ’ यही शीर्षक है एक स्वनामधन्य न्यूज चैनल के स्वनामधन्य वेब पोर्टल पर दिए गए नवरात्र घटस्थापना संबंधी सूचनात्मक आलेख का। वही नहीं , कई अखबारों के पोर्टल भी ऐसा ही कुछ शीर्षक घुमा-फिरा कर लोगों का ध्यान खींचने के लिए लगाए हुए हैं। सुबह जब मैंने व्हाट्सएप पर ग्रहण और नवरात्र को लेकर कुछ मित्रों का प्रश्न देखा तब तक मुझे यह नहीं लगा था ऐसे प्रश्न मीडिया द्वारा फैलाए गए भ्रम के परिणाम हैं। मेरा ध्यान इस मुद्दे पर तब गया जब खबरें देखनी शुरू कीं। ग्रहण को लेकर ऐसे-ऐसे भ्रम फैलाए जा रहे हैं जो कहीं से भी तर्कसम्मत नहीं हैं। जो ग्रहण भारत में दृश्य ही नहीं है , उसका कैसा सूतक और क्या प्रभाव! लेकिन यूट्यूब से लेकर टीवी चैनलों और कई अखबारों तक में उसका राशिफल और परिहार आदि बताए जाने का क्या तुक है ? और अब खींचकर उसे नवरात्र तक ले जाने की धृष्टता!! हद है। वह माँ जिसके लिए कहा गया – यस्या: प्रभावमतुलं भगवाननन्तो ब्रह्मा हरश्च न हि वक्तुमलं बलं च। सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालन...