सदा मत दे
भूल जाऊं मुझे सदा मत दे.
आतिश ए इश्क को हवा मत दे..
हमने किश्तों में खुदकशी की है,
और जीने कि बद्दुआ मत दे.
मैं अकेला दिया हूँ बस्ती का,
कोई जालिम हवा बुझा मत दे.
एक यही हमसफ़र हमारा है,
दर्दे दिल कि हमें दवा मत दे.
वो कातिलों के साथ रहता है,
अपने घर का उसे पता मत दे.
घुटके दम ही ना तोड़ दे स्नेहिल,
उसको इतनी कड़ी सज़ा मत दे..
विनय स्नेहिल
आतिश ए इश्क को हवा मत दे..
हमने किश्तों में खुदकशी की है,
और जीने कि बद्दुआ मत दे.
मैं अकेला दिया हूँ बस्ती का,
कोई जालिम हवा बुझा मत दे.
एक यही हमसफ़र हमारा है,
दर्दे दिल कि हमें दवा मत दे.
वो कातिलों के साथ रहता है,
अपने घर का उसे पता मत दे.
घुटके दम ही ना तोड़ दे स्नेहिल,
उसको इतनी कड़ी सज़ा मत दे..
विनय स्नेहिल
हमने किश्तों में खुदकशी की है,
ReplyDeleteऔर जीने कि बद्दुआ मत दे.
वो कातिलों के साथ रहता है,
अपने घर का उसे पता मत दे.
बहुत खूब..
*** राजीव रंजन प्रसाद