फिर क्या कहना ?
लोकतंत्र में अपराधी को माल्यार्पण फिर क्या कहना ?
जेल से आकर जनसेवा का शपथग्रहण फिर क्या कहना ?
जिनके हाथ मे ख़ून के धब्बे चौरासी के दंगो के-
बापू की प्रतिमा का उनसे अनावरण फिर क्या कहना ?
एक विधेयक लाभों के पद पर बैठाने की खातिर।
लाभरहित सूची मे उसका नामकरण फिर क्या कहना ?
फाँसी पर झूले थे कितने जिस आज़ादी की खातिर -
सिर्फ दाबती खादी ही के आज चरण फिर क्या कहना ?
बार बार मैं दिखलाता हूँ अपने हाथों मे लेकर -
नहीं देखते अपना चेहरा ले दर्पण फिर क्या कहना ?
विनय ओझा स्नेहिल
जेल से आकर जनसेवा का शपथग्रहण फिर क्या कहना ?
जिनके हाथ मे ख़ून के धब्बे चौरासी के दंगो के-
बापू की प्रतिमा का उनसे अनावरण फिर क्या कहना ?
एक विधेयक लाभों के पद पर बैठाने की खातिर।
लाभरहित सूची मे उसका नामकरण फिर क्या कहना ?
फाँसी पर झूले थे कितने जिस आज़ादी की खातिर -
सिर्फ दाबती खादी ही के आज चरण फिर क्या कहना ?
बार बार मैं दिखलाता हूँ अपने हाथों मे लेकर -
नहीं देखते अपना चेहरा ले दर्पण फिर क्या कहना ?
विनय ओझा स्नेहिल
कह दिया कुल सात वाक्य में
ReplyDeleteआपने,
जो हम कह पाते सत्तर में.
दे दिये आपने सात तथ्य
जिस पर हम सोचेंगे कम
से कम पूरे हफ्ते !
फिर भी
शायद समझ में ना आये
पूरी तरह कि,
कैसी प्रभु यह है
विडंबना !!
-- शास्त्री जे सी फिलिप
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
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