सत्येन्द्र प्रताप सामान्यतया प्रेमपत्रों में लड़के -लड़िकयां साथ में जीने और मरने की कसमें खाते हैं, वादे करते हैं और वीभत्स तो तब होता है जब पत्र इतना लंबा होता है िक प्रेमी या प्रेिमका उसकी गंभीरता नहीं समझते और लंबे पत्र पर अिधक समय न देने के कारण जोड़े में से एक भगवान को प्यारा हो जाता है. अगर पत्रकार की प्रेिमका हो तो वह कैसे समझाए। सच पूछें तो वह अपने व्यावसाियक कौशल का प्रयोग करके कम शब्दों में सारी बातें कह देगा और अगर शब्द ज्यादा भी लिखने पड़े तो खास-खास बातें तो वह पढ़वाने में सफल तो हो ही जाएगा. पहले की पत्रकािरता करने वाले लोग अपने प्रेमपत्र में पहले पैराग्राफ में इंट्रो जरुर िलखेंगे. साथ ही पत्र को सजाने के िलए कैची हेिडंग, उसके बाद क्रासर, अगर क्रासर भी लुभाने में सफल नहीं हुआ तो िकसी पार्क में गलबिहयां डाले प्रेमिका के साथ का फोटो हो तो वह ज्यादा प्रभावी सािबत होगा और प्रेमिका के इमोशन को झकझोर कर रख देगा. नया अखबारनवीस होगा तो उसमें कुछ मूलभूत परिवर्तन कर देगा. पहला, वह कुछ अंगऱेजी के शब्द डालेगा िजससे प्रेमिका को अपनी बात समझा सके. समस्या अभी खत्म नहीं हुई क्योंिक वक...