कोई कहाँ है अपना
रतन
सभी अपने हैं मगर कोई कहॉ है अपना
यों तो कहने के लिए सारा जहाँ है अपना
लोग कहते हैं कि तुम दिल में मेरे रहते हो
सच यही है कि नहीं कोई मकां है अपना
लोग जो करते हैं ओ जानें करम है उनका
यह जनम अगला जनम उनपे फ़ना है अपना
वो न समझें वो न जानें कोई गुस्ताखी नहीं
ग़लत-सही हो जान उनपे फ़िदा है अपना
आपसा हमने उन्हें माना जो थे आपके लोग
जिनके बारे में बताया कि फलां है अपना
भूल जाये ये जहाँ खत्म हो जाये दुनिया
ख़त्म होगा नहीं वो नामो-निशां है अपना
यकीन तुम न करो पर है यही सच्चाई
कि रतन अलग सा अंदाजे बयाँ है अपना
यों तो कहने के लिए सारा जहाँ है अपना
लोग कहते हैं कि तुम दिल में मेरे रहते हो
सच यही है कि नहीं कोई मकां है अपना
लोग जो करते हैं ओ जानें करम है उनका
यह जनम अगला जनम उनपे फ़ना है अपना
वो न समझें वो न जानें कोई गुस्ताखी नहीं
ग़लत-सही हो जान उनपे फ़िदा है अपना
आपसा हमने उन्हें माना जो थे आपके लोग
जिनके बारे में बताया कि फलां है अपना
भूल जाये ये जहाँ खत्म हो जाये दुनिया
ख़त्म होगा नहीं वो नामो-निशां है अपना
यकीन तुम न करो पर है यही सच्चाई
कि रतन अलग सा अंदाजे बयाँ है अपना
भूल जाये ये जहाँ खत्म हो जाये दुनिया
ReplyDeleteख़त्म होगा नहीं वो नामो-निशां है अपना
--वाह्ह!! बहुत खूब..मजा आया पढ़कर.
लोग कहते हैं कि तुम दिल में मेरे रहते हो
ReplyDeleteसच यही है कि नहीं कोई मकां है अपना
सतर्क रहिएगा, कहीं ऐसा कहने वाले दिल का किराया न मांगने लगें.