बजट में ऐलान : विश्व के किडनी बाजार पर कब्जा करेगा हिंदुस्तान
मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए क्रांतिकारी घोषणा
-दिलीप मंडल
(दरअसल एक मीडिया हाउस में किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट और बजट की खबरें एक ही टेबल पर रखी गई थी और खबर बनाने वाले ने दोनों कों एक ही खबर का हिस्सा मान लिया। उन्होंने जो खबर लिखी वो इस तरह है।)
देश के वित्त मंत्री डॉक्टर अमित चिदंबरम ने इस साल के बजट में एक क्रांतिकारी प्रस्ताव रखा है। बजट 2008 के लिए उनका प्रस्ताव है कि किडनी ट्रांसप्लांट उद्योग के लिए हर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक एसईजेड बनाया जाएगा। ये एसईजेड दस साल तक टैक्स फ्री जोन होंगे और इन एसईजेड में में जबरन किडनी निकालना दंडनीय अपराध नहीं होगा। उनके इस प्रस्ताव का सभी दलों के सांसद ने मेज थपथपा कर स्वागत किया।
वित्त मंत्री ने कहा कि देश को मेडिकल टूरिज्म से होने वाली आमदनी की सख्त जरूरत है। ये आमदनी साल दर साल बढ़ रही है, लेकिन इसकी संभावनाओं का सही तरीके से दोहन नहीं हुआ है। पूरे यूरोप, मिडिल ईस्ट और अमेरिका में भारतीय किडनी का बाजार है। लेकिन इतने बड़े बाजार को अभी तक सही तरीके से टैप नहीं किया गया है। इसलिए अब इस सेक्टर को बूस्ट करने की जरूरत है। जितनी किडनियां भारत में हैं, उसका दुनिया में कोई मुकाबला नहीं है। पहले हम किडनी बाजार पर कब्जा करेंगे और फिर लिवर के बाजार पर।
वित्त मंत्री ने कहा कि एसईजेड में किडनी ट्रांसप्लांट होने से ये उद्योग फलेगा-फूलेगा। टैक्स छूट मिलने से ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर इस क्षेत्र में आएंगे। इससे रोजगार के मौके बढ़ेंगे। डॉक्टर और मेडिकल प्रोफेशन के लोगों को छोड़ भी दें तो जिनकी किडनी निकाली जाएगी, उन्हें भी पैसे मिलेंगे। इस तरह हजारों लोगों को आमदनी होगी और देश की जीडीपी भी बढ़ेगी। सर्विस सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की तरह ट्रासप्लांट सेक्टर भी देश की तरक्की का कारण बन सकता है।
देश में ऐसे करोड़ों लोग हैं जिनकी किडनी निकाली जा सकती है। हम इस मामले में पूरे विश्व की जरूरतें पूरी कर सकते हैं। मांग ज्यादा हो तो हम कुछ लोगों की दोनों किडनियां भी निकाल सकते हैं। हम इस मामले में नंबर वन बन सकते हैं। भारत फिर से विश्व में सबसे आगे होगा (तालियां)।
वाणिज्य मंत्री ने चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि किडनी ट्रांसप्लांट एसईजेड में होने के कई फायदे हैं। एसईजेड पर कई तरह के कानून लागू नहीं होते। उन्होंने कहा कि कानून मंत्रालय को अंग प्रत्यारोपण अधिनियम में संशोधन करने का प्रस्ताव भेजा है, जिसके बाद किसी की किडनी जबरन निकालना अपराध नहीं होगा। बल्कि जो लोग किडनी देने से मना करेंगे उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति होगी। किसी को देश के विकास में आड़े आने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
इसके अलावा एसईजेड में बाकी अंगों के ट्रांसप्लांट की भी व्यवस्था होगी। ऐसे एसईजेड एयरपोर्ट के पास होंगे और उनके लिए जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी मुहैया कराएगी। इसलिए जमीन अधिग्रहण का भी कोई झगड़ा नहीं होगा। विदेश से मरीज आएंगे, अपने जरूरत के अंग की शॉपिंग करेंगे, ट्रांसप्लांट कराएंगे और चले जाएंगे। इस तरह हमारे देश में ढेर सारा डॉलर और यूरो आएगा।
नेता प्रतिपक्ष ने मांग रखी कि ऐसे एसईजेड को मंजूरी देते समय विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों के साथ भेदभाव न किया जाए। वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि सभी राज्य ऐसे एसईजेड के प्रस्ताव केंद्र के पास भेज सकते हैं। बोर्ड ऑफ एप्रूवल उन पर समान भाव से विचार करेगा।
-दिलीप मंडल
(दरअसल एक मीडिया हाउस में किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट और बजट की खबरें एक ही टेबल पर रखी गई थी और खबर बनाने वाले ने दोनों कों एक ही खबर का हिस्सा मान लिया। उन्होंने जो खबर लिखी वो इस तरह है।)
देश के वित्त मंत्री डॉक्टर अमित चिदंबरम ने इस साल के बजट में एक क्रांतिकारी प्रस्ताव रखा है। बजट 2008 के लिए उनका प्रस्ताव है कि किडनी ट्रांसप्लांट उद्योग के लिए हर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक एसईजेड बनाया जाएगा। ये एसईजेड दस साल तक टैक्स फ्री जोन होंगे और इन एसईजेड में में जबरन किडनी निकालना दंडनीय अपराध नहीं होगा। उनके इस प्रस्ताव का सभी दलों के सांसद ने मेज थपथपा कर स्वागत किया।
वित्त मंत्री ने कहा कि देश को मेडिकल टूरिज्म से होने वाली आमदनी की सख्त जरूरत है। ये आमदनी साल दर साल बढ़ रही है, लेकिन इसकी संभावनाओं का सही तरीके से दोहन नहीं हुआ है। पूरे यूरोप, मिडिल ईस्ट और अमेरिका में भारतीय किडनी का बाजार है। लेकिन इतने बड़े बाजार को अभी तक सही तरीके से टैप नहीं किया गया है। इसलिए अब इस सेक्टर को बूस्ट करने की जरूरत है। जितनी किडनियां भारत में हैं, उसका दुनिया में कोई मुकाबला नहीं है। पहले हम किडनी बाजार पर कब्जा करेंगे और फिर लिवर के बाजार पर।
वित्त मंत्री ने कहा कि एसईजेड में किडनी ट्रांसप्लांट होने से ये उद्योग फलेगा-फूलेगा। टैक्स छूट मिलने से ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर इस क्षेत्र में आएंगे। इससे रोजगार के मौके बढ़ेंगे। डॉक्टर और मेडिकल प्रोफेशन के लोगों को छोड़ भी दें तो जिनकी किडनी निकाली जाएगी, उन्हें भी पैसे मिलेंगे। इस तरह हजारों लोगों को आमदनी होगी और देश की जीडीपी भी बढ़ेगी। सर्विस सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की तरह ट्रासप्लांट सेक्टर भी देश की तरक्की का कारण बन सकता है।
देश में ऐसे करोड़ों लोग हैं जिनकी किडनी निकाली जा सकती है। हम इस मामले में पूरे विश्व की जरूरतें पूरी कर सकते हैं। मांग ज्यादा हो तो हम कुछ लोगों की दोनों किडनियां भी निकाल सकते हैं। हम इस मामले में नंबर वन बन सकते हैं। भारत फिर से विश्व में सबसे आगे होगा (तालियां)।
वाणिज्य मंत्री ने चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि किडनी ट्रांसप्लांट एसईजेड में होने के कई फायदे हैं। एसईजेड पर कई तरह के कानून लागू नहीं होते। उन्होंने कहा कि कानून मंत्रालय को अंग प्रत्यारोपण अधिनियम में संशोधन करने का प्रस्ताव भेजा है, जिसके बाद किसी की किडनी जबरन निकालना अपराध नहीं होगा। बल्कि जो लोग किडनी देने से मना करेंगे उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति होगी। किसी को देश के विकास में आड़े आने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
इसके अलावा एसईजेड में बाकी अंगों के ट्रांसप्लांट की भी व्यवस्था होगी। ऐसे एसईजेड एयरपोर्ट के पास होंगे और उनके लिए जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी मुहैया कराएगी। इसलिए जमीन अधिग्रहण का भी कोई झगड़ा नहीं होगा। विदेश से मरीज आएंगे, अपने जरूरत के अंग की शॉपिंग करेंगे, ट्रांसप्लांट कराएंगे और चले जाएंगे। इस तरह हमारे देश में ढेर सारा डॉलर और यूरो आएगा।
नेता प्रतिपक्ष ने मांग रखी कि ऐसे एसईजेड को मंजूरी देते समय विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों के साथ भेदभाव न किया जाए। वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि सभी राज्य ऐसे एसईजेड के प्रस्ताव केंद्र के पास भेज सकते हैं। बोर्ड ऑफ एप्रूवल उन पर समान भाव से विचार करेगा।
दिल जिगर गुरदा फ़ेफ़ेडे,सब के लिये एक ही संस्थान एक ही स्थान , वाह वाह क्या बात है बंगाल सरकार के सामने आई दिक्कते भि नही आयेगी जिनकी जगह पर बनाया जाये स्बसे पहले उन्ही के अंगो की प्रत्यारोपण मे प्राथमिकता...:)
ReplyDeleteदेश की सेज नीति और सरकार व देश के उच्च वर्ग की जहा से हो जैसे हो पैसे कमाने की अनीति पर सटीक टिप्पणी. साधुवाद.
ReplyDeleteअतुल
ऐसा पहला सेज़ तो सांसदों के लिये ही बनेगा. FDI की कोई कमी न होगी. चिदम्बरम, मनमोहन और मोंटेक सिंह तो पाइलट प्रोजेक्ट के उत्पाद हैं. आँख, कान, गुर्दा, दिल सब इम्पोर्टेड लगाया है. बस अगले साल इलेक्शन में कोई साइड इफ़ेक्ट न हो.
ReplyDeleteबढ़िया.
is khabar ki charcha maine fakar samaj ke samane ki...buri tahra se bamak gaye..chilam per gul charate huye fakkar baba bole isaka target fakkar samaj hai, ganga, bhang pine se unake gurda aur kidani dono durusat hai..aur ve idhar-udhar ghumate rahate hai..jisase unhe asani se pakara ja sakata hai..yadi vitmantri nahi mane to bahut hi jald sansad ke samane chilam jalao pradarshan kiya jayega...babal hone ki puri sambhawane hai....for a great work bhai
ReplyDeletealok nandan