पत्नी का अंतिम मिस कॉल

दो दिसंबर को इंग्लैंड से निकलने वाले एक अखबार सन में कवर पेज पर एक तगड़ी खबर छपी है। इस खबर में कहा गया है कि आजम ने बताया है कि उसे किस तरह आर्डर अपने आका से दिये गये थे। उसे दो मकदस दिये गये थे। पहला, किसी गोरे को उड़ाना, दूसरा ताज को जलाना। गोरे में खासतौर पर अमेरिकन और ब्रिटेनवासियों पर जोर दिया गया था।
यह खबर चीख-चीख कर यह कह रही है कि शैतानों का पहला टारगेट अमेरिका और इंग्लैंड के लोग थे,चूंकि युद्ध क्षेत्र भारत था इसलिए इसलिए यहां पर उत्पात मचाना जरूरी था, और दूसरा टारगेट- ताज-को हिट करने के बाद उन्होंने यहां पर जमकर उत्पाद मचाया। एक तरह से अपने दोनों टारगेटों को हिट करने के बाद वे भारत के साथ गिल्ली डंडा खेल रहा थे।
यह एक सफल हमला है, भारत पर नहीं बल्कि अमेरिका और ब्रिटेन पर। भारत तो सिर्फ रणभूमि है। रणभूमि के तौर पर इसका चयन काफी सोंच समझ कर किया जा रहा है। अभी कुछ देर पहले असम भी फिर एक विस्फोट की खबर मिली है,यह गिल्ली डंडा का खेल नहीं है तो और क्या है।
निक पार्कर मुंबई से अपनी रिपोर्ट में लिखते हैं कि मुंबई पर हमला करने वाले गिरोह में दो लड़को संबंध इग्लैंड के लीड्स से है। इंग्लैंड की खुफिया एजेंसिया इस बात की जांच कर रही है। उनलोगों ने भारत से भी सारे नमूने बटोर लिये हैं। ब्रिटेन का विदेश मंत्रालय अभी कुछ भी कहने से हिचक रहा है। ब्रिटेन पुष्टि का इंतजार कर रहा है। अमेरिका से हिलैरी के विदेशमंत्री बनने की खबर है। महिला कर्टसी में माहिर ओबामा की क्लिपिंग हिलैरी के साथ खूब दिखाये जा रहे हैं। इराक से अमेरिकी सेना हटते ही वहां पर वहा के लोकल लड़ाके बेरोजगार हो जाएंगे। उनकी रणभूमि तब्दील हो सकती है और हो रही है।
जूनियर बुश ने आतकंवाद के खिलाफ युद्ध की घोषणा की थी। ओबामा किधर जाएंगे, यह तो समय ही बताएगा। हिलैरी के हाथ में विदेश मंत्रालय आने के बाद, भारत को थोड़ी राहत महसूस करनी चाहिए क्योंकि बिल क्लिंटन भारत में नाच गा चुके हैं, यहां के लोगों के साथ यहां के लोगों के बीच। अभी सबसे बड़ी चुनौती है भारत को वार जोन में तब्दील होने से रोकने की। इसके लिए हर लेवल पर सिस्टमैटिक होना होगा। आजम को अंतिम सांस तक लड़ने के लिए कहा गया था, यानि फाइट टिल डेथ।
5000 शहरी आबादी इन लौंडे के निशाने पर थे। प्रत्येक शहर का सैनिकीकरण होगा,सीमाओं से इतर। सीमायें सेना के हाथों में सुरक्षित है, बस अंदर से सैनिकीकरण करने की जरूरत है, ताकि इनसे लड़ने के लिए सेना नहीं बुलाना पड़े। प्रत्येक शहर को इसका सलीका सीखना पड़ेगा, नहीं तो जख्म पर जख्म मिलते रहेंगे। करोड़ों लोगों के हाथों में मोबाईल नहीं है, उन्हें न तो अपने दोस्त का एसएमएस दिखाई देगा और न हीं अपनी पत्नी का अंतिम मिस कॉल, भारत वार जोन में तब्दील हो चुका है, अघोषित।

Comments

  1. "भारत वार जोन में तब्दील हो चुका है, अघोषित।"
    सच कह रहे हैं आप पूरी तरह. चिंताजनक.

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  2. बिलकुल सही लिखा आप ने.
    धन्यवाद

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