गन्ने के खेत में रजाई लेकर जाती पारो
देव डी को एक एक्सपेरिमेंटल फिल्म कहा जा रहा है। अंग्रेजी अखबारों में फिल्म समीक्षकों ने इस फिल्म को पांच-पांच स्टार से नवाजा है, वैसे फिल्म समीक्षकों के किसी फिल्म को स्टार देने की प्रणाली पर रामगोपाल वर्मा अपने ब्लाग पर पहले ही सवाल उठा चुके हैं। देव डी के डायरेक्टर अनुराग कश्यप खुद कई बार कह चुके हैं किसी फिल्म की समीक्षा के बजाय फिल्मकार की समीक्षा की जानी चाहिये। अनुराग कश्यप की फिल्म को समझने के लिए यह जरूरी है कि अनुराग कश्यप की समीक्षा की जाये। रामगोपाल वर्मा की फिल्म सत्या से अनुराग कश्यप भारतीय फिल्म पटल पर एक फिल्म लेखक के रूप में मजबूती से उभरे थे, और यह फिल्म कथ्य और मेकिंग के स्तर पर सही मायने में एक एक्सपेरिमेंटल फिल्म थी। रामगोपाल वर्मा ने पहली बार अपराध की दुनिया को मानवीय नजरिये से देखा था और मेकिंग में भी उन्होंने एसे शाट लिये थे, जो वास्तविक जीवन का अहसास कराते थे। अनुराग कश्यप इस टीम का हिस्सा थे, और उन्होंने लेखनी के स्तर पर इस फिल्म को शानदार मजबूती प्रदान की थी। रामगोपाल वर्मा के स्कूल से निकलकर अनुराग कश्यप ने ब्लैक फ्राइडे बनाई थी, जो अपने कथ्य के कारण कोर्ट-...