विश्व महिला दिवस का अवशेष !
कल था
महिला दिवस पर
अखबारों में
विशेष,
दिवस गया
आज फिर
महिला
रह गयी
शेष !
महिला दिवस पर
अखबारों में
विशेष,
दिवस गया
आज फिर
महिला
रह गयी
शेष !
आज से
उस कल तक
अखबारों में
बिखरेगी -
महिला, महिला
और महिला ।
उस कल तक
अखबारों में
बिखरेगी -
महिला, महिला
और महिला ।
महिला का शोषण,
महिला का कुपोषण ।
महिला का कुपोषण ।
महिला पर अत्याचार,
महिला का बलात्कार ।
महिला का आकर्षण,
महिला का चीरहरण ।
महिला का दमन,
महिला का दहन ।
चटखारों में होगी
व्यथा,
बस और केवल बस
निर्बला होने की
कथा !!!
[] राकेश 'सोहम'
महिला का शोषण ही किया गया है.
ReplyDeleteएकदम सटीक सार्थक...
ReplyDeletebilkul satya vachan ek ek achhar sachchai ko bayan kar rahi hai.
ReplyDeletepoonam
ये सजा तो दोष साबित होते ही दे देना चाहिए...
ReplyDeleteये सजा तो दोष साबित होते ही दे देना चाहिए...
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