चाहिए एक ख्वाब
रतन
चाहिए एक ख्वाब
हसीन हो जो
सकून दे वो
झरनों सी झर-झर
बारिश सी झम-झम
कलियों की चटकन
पायल की छम-छम
झांझर की झन-झन
कंगन की खन-खन
हवाओं की सर-सर
फिजाओं की रौनक
हो जिसमें
चाहिए एक ख्वाब
बसे गुंजन में
रहे तन-मन में
नाचे आंगन में
महके उपवन में
सुरमई शाम में
हर एक काम में
पीपल की छांव में
सपनों के गांव में
जो ले जाए नित मुझको
चाहिए एक ख्वाब
चाहिए एक ख्वाब
हसीन हो जो
सकून दे वो
झरनों सी झर-झर
बारिश सी झम-झम
कलियों की चटकन
पायल की छम-छम
झांझर की झन-झन
कंगन की खन-खन
हवाओं की सर-सर
फिजाओं की रौनक
हो जिसमें
चाहिए एक ख्वाब
बसे गुंजन में
रहे तन-मन में
नाचे आंगन में
महके उपवन में
सुरमई शाम में
हर एक काम में
पीपल की छांव में
सपनों के गांव में
जो ले जाए नित मुझको
चाहिए एक ख्वाब
एक ख्वाब मेरा भी
ReplyDeleteकि
उसके पूरे न हो पाने में भी,
प्रसन्न रहने का ख्वाब ।
वाह...वाह...वाह....बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteऐसा ख्वाब किसे न चाहिए होगा....