जिंदगी पा गया
रतन
तुझे पाके मैं हर खुशी पा गया
ज्यों सौ साल की जिंदगी पा गया
बहारों के सपने भी आने लगे
खिजां दूर पलकों से जाने लगे
तू है साथ हर सादगी पा गया
ज्यों सौ साल की जिंदगी पा गया
हुए साथ भंवरे भी गाने लगे
थे वीराने जो मुस्कुराने लगे
था सूना जो दिल आशिकी पा गया
ज्यों सौ साल की जिंदगी पा गया
हुए साथ तुम आई रानाइयां
अब बजने लगीं देखो शहनाइयां
जो तुम आए तो रोशनी पा गया
ज्यों सौ साल की जिंदगी पा गया
जमीं आसमां देखो मिलने लगे
मोहब्बत के जब फूल खिलने लगे
था मुरझाया गुलशन कली पा गया
ज्यों सौ साल की जिंदगी पा गया
तुझे पाके मैं हर खुशी पा गया
ReplyDeleteज्यों सौ साल की जिंदगी पा गया...
वाह ,पूरी रचना खूबसूरत.
वाह...वाह...वाह...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर मनमोहक गीत...वाह !!!
ratan ji ,is pyaare se sachche geet ke liye badhaii
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