विनम्र अनुरोध
मेरा मानना है कि राष्ट्र के प्रथम नागरिक द्वारा की गई हर बचत को राष्ट्रीय बचत माना जाना चाहिए और उसे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महामहिम का महत्वपूर्ण योगदान माना जाना चाहिए. चाहे वह सरकारी धन बर्बाद कर की गई निजी बचत ही क्यों न हो. आपका क्या ख़याल है?