संसद बनाम जनता
संसद बनाम जनता अन्ना हजारे जी के साथ जब पूरा देश लोकपाल बिल के लिए आन्दोलन कर रहा था तब सारे सांसद, विपक्ष को छोड़ कर एक स्वर में घोषणा कर रहे थे कि संसद सर्वोच्च है । क़ानून बनाने का काम संसद का है और प्रत्येक सर्वोच्च संस्था को यह विशेष अधिकार होता है कि वह कार्य करे या न करे तभी तो वह सर्वोच्च है । उसी तरह संसद को इस बात की भी स्वतंत्रता होती है कि सही क़ानून बनाए या गलत क़ानून बनाए , कमज़ोर क़ानून बनाए या मज़बूत क़ानून बनाए या कोई भी कानून न बनाए । उसके ऊपर कोई दबाव बनाना उसकी सर्वोच्चता को चुनौती देना है, और ऐसा करना संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन है । उसकी सर्वोच्चता को चुनौती देने का परिणाम बाबा रामदेव अच्छी तरह समझ चुके हैं किन्तु अन्ना जी को समझाने में अभी समय लगेगा। स रकार बार बार समझाती रही कि लोकपाल से