Posts

Showing posts from January, 2015

सफ़ाई : एक गहन चिंतन

इष्ट देव सांकृत्यायन आजकल सफ़ाई की बड़ी धूम है। जिसे देखिए वही, सफ़ाई के पीछे पड़ा हुआ है। नेता से लेकर लेखक, पत्रकार, शिक्षक, बाबू और अफ़सर तक सभी सफ़ाई की ही बातें कर रहे हैं। कोई समर्थन में तो कोई विरोध में, पर चर्चा सभी सफ़ाई की ही कर रहे हैं। समर्थन वे कर रहे हैं जिन्हें पहले कभी सफ़ाई का मौक़ा नहीं मिला, विरोध में वे हैं जो पहले ही काफ़ी सफ़ाई कर चुके हैं और मानते हैं कि जितनी सफ़ाई वे कर चुके हैं, उसी के प्रभाव से उबर पाना अभी देश के लिए अगले सौ वर्षों तक संभव नहीं होगा। हालाँकि पहले से चले आ रहे सफ़ाई तंत्र में उनकी पैठ इतनी गहरी है कि उनको सफ़ाई की प्रक्रिया से पूरी तरह साफ़ कर देने की तो कभी कल्पना ही नहीं की जा सकती, पर इन दिनों मामला थोड़ा नरम चल रहा है। बिलकुल वैसे ही जैसे हाल ही में आई मंदी के दौरान हमारे देश के व्यापार के साथ हुआ था। हमारे जैसे चिरकुट टाइप थर्डक्लासियों के दम पर चलने वाले देसी बैंक सूखा रोग के शिकार हुए और उधर स्विस बैंकों को अपच होने लगी। असल में यह भी सफ़ाई का ही नतीजा था। जब आप एक जगह सफ़ाई करते हैं तो जो कूड़ा निकलता है उसे कहीं न कहीं डाल...

Most Read Posts

रामेश्वरम में

Bhairo Baba :Azamgarh ke

इति सिद्धम

Maihar Yatra

Azamgarh : History, Culture and People

पेड न्यूज क्या है?

...ये भी कोई तरीका है!

विदेशी विद्वानों के संस्कृत प्रेम की गहन पड़ताल

सीन बाई सीन देखिये फिल्म राब्स ..बिना पर्दे का