Bhairo Baba :Azamgarh ke
स्थानीय आस्था के केंद्र : आजमगढ़ के भैरव बाबा -हरिशंकर राढ़ी आस्था तो बस आस्था ही होती है, न उसके पीछे कोई तर्क और न सिद्धांत। भारत जैसे धर्म और आस्था प्रधान देश में आस्था के प्रतीक कदम-दर कदम बिखरे मिल जाते हैं। यह आवश्यक भी है। जब आदमी आदमी और प्रकृति के प्रकोपों से आहत होकर टूट रहा होता है, उसका विश्वास और साहस बिखर रहा होता है तो वह आस्था के इन्हीं केंद्रों से संजीवनी प्राप्त करता है और अपने बिगड़े समय को साध लेता है। भारत की विशाल जनसंख्या को यदि कहीं से संबल मिलता है तो आस्था के इन केंद्रों से ही मिलता है। तर्कशास्त्र कितना भी सही हो, इतने व्यापक स्तर पर वह किसी का सहारा नहीं बन सकता ! भैरव बाबा मंदिर का शिखर : छाया - हरिशंकर राढ़ी ऐसे ही आस्था का एक केंद्र उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद में महराजगंज ...