शर्म तुमको मगर नहीं आती
गैंगरेप की घटना का विरोध करते लोग बगलें मत झाँकिए. जब जम्मू में रेप की ख़बर आई तो फिल्मी दुनिया की बाई जी लोगों को बड़े ज़ोर से शर्म आने लगी थी. जिस शख्स की लोकेशन घटना के वक़्त हर तरह मुजफ्फरनगर साबित हो चुकी है, उसे रेपिस्ट बताकर प्रदर्शन किए गए. पीड़िता के नाम पर लाखों रुपये का चंदा बटोरा गया और उसमें घपला भी किया गया. उस घपले को लेकर बंदरबाँट की लड़ाई भी हुई और उसी से पीछे की पूरी कहानी पता चली. वह मंदिर जो चारों तरफ़ से खुला हुआ है, जहाँ हमेशा लोगों का आना-जाना लगा रहता है और तहखाना बनाने का कोई उपाय भी नहीं है, उसमें महान पत्रकार लोग तहखाना तलाश ले आए. इसके पीछे के कारणों का ज़िक्र करने की ज़रूरत नहीं है. अब तो वह लिस्ट भी सामने आ चुकी है, जिसमें उन महान पत्रकारों के नाम दर्ज हैं जिन्हें एक से डेढ़ लाख रुपये महीने की रकम कैंब्रिज एनलिटिका का ओर से केवल भारत विरोधी ख़बरें लिखने के लिए दी जा रही थी. अब इन्हें वह कहा जा रहा है, जो कहा जा रहा है, तो इसमें ग़लत क्या है? उस घटना के आरोपी को आरोपी कहने में लोगों को शर्म आ रही थी. उस आरोपी को जिसके बारे में हर तरह से साबित ...